Actor Pran अपने समय में हीरो से भी अधिक फीस ली थी, लेकिन किसके कहने पर उन्होंने नकारात्मक भूमिकाएँ छोड़ दीं।

प्राण, जिनका असली नाम कृष्ण सिकंदर जिनका जन्म लाहौर (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। बड़े पर्दे पर प्राण ने एक विलेन के रूप में अपनी पहचान बनाई, लेकिन असल जीवन में वह एक सच्चे दोस्त और प्यारे इंसान थे। 

आइए, अभिनेता प्राण के करियर और जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जानते हैं। 

लेखक मंटो ने प्राण के करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिल्म 'जिद्दी' (1949) में प्राण के अभिनय को बहुत सराहा गया, और यही फिल्म उन्हें बॉलीवुड में स्थापित करने में मददगार साबित हुई। इस फिल्म के लिए उन्हें लेखक शहादत हसन मंटो का सहयोग मिला। इसके बाद प्राण ने 'आजाद', 'मधुमती', 'देवदास', 'राम और श्याम', 'आदमी', 'मुनीमजी', 'अमरदीप', 'जॉनी मेरा नाम', 'वारदात', 'देस-परदेस' जैसी कई सफल फिल्मों में काम किया।

साल 1960 से 1982 के बीच, प्राण बॉलीवुड के सबसे चर्चित विलेन बन गए। इस दौरान, उन्होंने बॉलीवुड के हीरो से भी अधिक फीस ली।प्राण और राजेश खन्ना के बारे में कहा जाता है कि कोई प्रोड्यूसर उनके साथ फिल्म बनाने का विचार नहीं करता था, क्योंकि दोनों को कास्ट करना आर्थिक रूप से संभव नहीं था। प्राण द्वारा निभाए गए विलेन के किरदार भी बहुत प्रसिद्ध हुए। वास्तव में, प्राण जब भी किसी विलेन का रोल करते थे, तो उसकी तैयारी में पूरी मेहनत करते थे। यह बात मशहूर थी कि जब भी प्राण कोई अनोखा किरदार देखते थे, तो उसकी चाल और हाव-भाव को याद करने की कोशिश करते थे। मेकअप के मामले में भी प्राण फिल्मों में बहुत सतर्क रहते थे।

अमिताभ बच्चन के करियर में 'जंजीर' एक महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। यह फिल्म अमिताभ बच्चन को प्राण के सुझाव पर मिली थी। प्राण ने ही निर्माताओं को अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया था। इसके अलावा, अमिताभ बच्चन से दोस्ती के कारण ही प्राण ने इस फिल्म में शेरखान का किरदार निभाया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और प्राण का शेरखान का किरदार भी काफी लोकप्रिय हो गया।

कैरेक्टर रोल का चयन करने का एक विशेष कारण था। बड़े पर्दे पर विलेन के रूप में प्राण की इतनी पहचान बन गई कि दर्शक उन्हें असली बुरे आदमी के रूप में देखने लगे। एक बार प्राण की बेटी ने उनसे पूछा कि वह हीरो के जैसे रोल क्यों नहीं करते। इसके बाद प्राण ने नकारात्मक भूमिकाएँ करना लगभग बंद कर दिया और कैरेक्टर रोल करने लगे। फिल्म 'उपकार' में प्राण ने मंगल चाचा का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने बहुत सराहा। इसके बाद उनकी छवि फिल्मों में भी बदलने लगी और वह एक कैरेक्टर आर्टिस्ट के रूप में पहचाने जाने लगे।

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