तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था आस्थापित करने में भारत रहेगा आगे: मेंबर आशिमा गोयल


All Type news:नई दिल्ली: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की सदस्य आशिमा गोयल का विश्वास है कि भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर हर देशों सेbसबसे ऊंची रहेगी। उन्होंने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे 'सामान्यीकरण' की ओर तेजी से बढ़ रही है, लेकिन पीछे रह रहे क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन और समर्थन करते रहेंगे।उन्होंने बताया कि अगली बजट में सरकार द्वारा 'मजबूती' के पथ पर बने रहने की घोषणा से नियंत्रण और अनुकूलता को लेकर एक बड़िया संकेत मिलेगा।
विख्यात अर्थशास्त्री गोयल ने एक साक्षात्कार में बताया, 'भारत बेहतर वृहद आर्थिक मानदंडों के आधार पर काफी संकटों के समय से बाहर निकल आया है। भारत की जागरूकता  दुनिया में सबसे ऊंची रहने की उम्मीद है। इसके अलावा महंगाई दर भी सीमित स्तर पर रहेगी।'गोयल ने कहा कि मौद्रिक-राजकोषीय समन्वय ने अच्छा काम कर रही है और प्रोत्साहन पर्याप्त हैं, पर इन्हें 'अत्यधिक' नहीं कहा जा सकता।

रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के अनुसार अपने वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2021 में 9.5 प्रतिशत एवं अगले साल 8.5 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है।अर्थव्यवस्था के ऊपर, कोविड-19 के नए स्वरूप के संकटों पर ,गोयल ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने के सोच और उचित नीतिगत सपोर्ट के साथ पुनरुद्धार मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा, 'अब देश कोविड19 की एक और लहर का सामना करने के लिए बढ़िया तरीके से तैयार है। दूसरी लहर में कामकाज में व्यवधान कम था क्योंकि स्थानीय लेबल पर लॉकडाउन के साथ आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं सीमित रही थीं।'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोविड-19 के ज्यादा संक्रामक नए स्वरूप B.1.1.1.529 (ओमीक्रोन) के पूर्व मामले की जानकारी दक्षिण अफ्रीका से 24 नवंबर को प्राप्त हुई थी। राजकोषीय सुदृढ़ीकरण या आगामी बजट में प्रोत्साहन जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, 'घोषित सुदृढ़ीकरण के पथ पर डटे रहना नियंत्रण एवं पूर्वानुमान के लिए बेहतर रहेगा।'उन्होंने कहा कि ज्यादा पारदर्शिता जैसे सुधारों को जारी रखा जाना चाहिए। इससे बजट आंकड़ों की विश्वसनीयता और सटीकता में सुधार होता रहेगा है।

गोयल ने और कहा कि राजस्व में वृद्धि से जरूरत खर्चों के वित्तपोषण की गुंजाइश होती है। व्यय की गुणवत्ता में जागरूक से प्रोत्साहन में वृद्धि होती है। ऊंची मुद्रास्फीति के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में आयात कीमत विशेषरूप से जिंसों के कीमत शामिल हैं, पर ये सर्दियों के बाद बने नहीं रहेंगे।उन्होंने कहा कि ईंधन मूल्य में कमी से महंगाई कुछ कम हुई है, लेकिन खाद्य कीमत का प्रभाव भारत में अधिक रहता है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा प्रोत्साहनों को रिटर्न लिए जाने के सवाल पर गोयल ने बताया कि प्रोत्साहनों को तेजी से वापस लेने की घोषणा से वैश्विक मार्किटो में कोई बड़ा खलबली नहीं हुआ, क्योंकि बाजार इसकी उम्मीद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के मौद्रिक रुख में चेंज से 'निपटने' में इंडिया अधिक अच्छी स्थिति में है। भारत अपनी नीतिगत दरों का घरेलू चक्र के साथ मेलजोल बैठाकर आगे बढ़ सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्रश्न पर MPC की सदस्य ने कहा कि उन्हें 'क्रिप्टो-टोकन' मानना अधिक उचित होगा। उन्हें मुद्रा के समान स्वीकार्य नहीं माना जा सकता है। मुद्रा के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध होना चाहिए, लेकिन टोकन में रूप में उनका नियमन किया जा सकता है।

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