यदि अब बैंक डूबा तो नहीं डूबेगी आप की रकम ,पांच लाख तक की जमा कवर मंजूरी
का क्या है फैसला
कैबिनेट ने दिन बुधवार को डीआईसीजीसी Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी कर दी है । इसका उद्येश्य किसी आपदा के कारण बैंक पर लेन-देन की पाबंदी लागू होने की स्थिति में उसके खाताधारको को समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए 90 दिन के अंदर उन्हें पांच लाख रुपये तक की अपनी जमा राशि प्राप्त करने का अवसर सुनिश्चित करना है।
फायदा क्या मिलेगा
पर कैबिनेट की मंजूरी से संख्या के अनुसार पर 98.3 प्रतिशत जमाकर्ताओं को कवर मिल जायेगा। वहीं जमा मूल्य के आधार पर 50.9 प्रतिशत राशि कवर हो जायेगी। सरकार ने बैंक बंद होने की स्थिति में खातेधारकों को राहत देने के लिये ये फैसला भी लिया है।
संकट के समय बैंकों के ग्राहकों को फायदा देने के लिये कदम
बीते साल सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी P M C ) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को मदद देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को 5 गुना बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था। पीएमसी बैंक के डूबने के पश्चात यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया था । जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम D I C G C) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री ने आम बजट में किया गया था ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंत्रिमंडल के इस निर्णय की जानकारी देते हुए बोला कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था। मौजूदा प्रावधानों के अनुसार पांच लाख रुपये तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डीआईसीजीसी,
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें