व्यापारियों की ओर से पीएम मोदी को सुझाव पत्र भेजा गया, लोकडाउन के बजाय चुने यह विकल्प
All Type news :नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले और की जा रही सख्ती को लेकर व्यपारियों ने प्रधानमंत्री मोदी को एक सुझाव भेजे हैं। व्यापारियों के तरफ से कहा गया है कि देश के किसी भी राज्य में लॉक डाउन और रात्रि कर्फ्यू लगाने को छोड़कर सरकार अन्य विकल्पों पर काम करे तो सभी के लिए अच्छा हो सकता है।इसके साथ ही कोरोना के मामलों पर लगाम भी किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी को आज भेजे गए पत्र में देशभर सभी के व्यपारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बताया है कि रात्रि कर्फ्यू या लॉकडाउन से अभी तक देश में कोविड 19 के बढ़ते संक्रमण पर अंकुश नहीं लग पाया है ऐसे में यह ज्यादा अच्छा यही होगा की पूरे देश में विकल्प के तौर कुछ दूसरा काम किए जाएं।
इसके लिए हर जिला स्तर पर बेहद मज़बूती के साथ कोविड नियमों का पालन कराये जाए और कई निजी और सरकारी क्षेत्रों के समय में चेंज कर दिए जाए।
पत्र में ए भी कहा गया कि कई राज्यों में लगाए गए रात्रि के समय कर्फ्यू और लॉकडाउन का अच्छी तरह से अध्ययन करने के बाद सामने आया है कि 5 अप्रैल को भारत में 96,563 कोविड मामले देखने को मिले , जिनमें सबसे अधिक मामले- महाराष्ट्र (47,228), दिल्ली (3548) गुजरात (3160) पंजाब (2692) कर्नाटक (5279) और छत्तीसगढ़ (7302) में दिखे । तब महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में कइयो मे प्रतिबंध लगाए गए हैं जैसे कि महाराष्ट्र में 5 अप्रैल से शुरू हो चूका रात के कर्फ्यू और लॉकडाउन के साथ , 6 अप्रैल को दिल्ली, गुजरात और पंजाब के बाद, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में भी रात्रि कर्फ्यू लगाए गए।
ऐसे शक्ति के बावजूद 9 अप्रैल को, भारत में 1,45,384 कोविड के संक्रमण सामने आए, जो 5 अप्रैल, जिस दिन प्रतिबंध लगा दिये गए थे, तभी से लेकर 9 अप्रैल तक तक़रीबन 50% की वृद्धि है, वही महाराष्ट्र में 9 अप्रैल को 58993 नए मामले दर्ज किए गए, जो राज्य सरकार की ओर से बंद किए गए दिन की हिसाब से 25% अधिक हैं। इसी प्रकार, गुजरात (4541) और दिल्ली (8521) में 43% और 140% की दर से बढ़े हैं। वहीं पंजाब 3459 (28%) छत्तीसगढ़ 11447 (56%) कर्नाटक 7955 (50%) जैसे राज्यों में भी प्रतिबंधों के बावजूद कोविड मामले बढ़ते दिखे है ।
ऐसे हालत में कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष BC भरतिया और महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल की तरफ से कहा गया कि लॉकडाउन एवं कर्फ्यू को छोड़कर और विकल्प अपनाया जाएं तो लोगो को राहत मिल सकती है। इसके साथ ही 2020 के पिछले लॉकडाउन मे हुए नुकसान से उबरने की कोशिश कर रहे व्यक्तियों और व्यापारियों को भी मदद मिल सकती है।
ऐसे हो सकते हैं विकल्प
कई कार्यक्षेत्रों में कार्य के घंटों मे बदलाव करना चाहिए। इसमें सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय और अनेक प्रकार के कार्यालय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक काम हो सकते हैं वही मार्किट और दुकानों को काम करने की अनुमति सुबह 11 से शाम 5 बजे तक की जाती है। सभी बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक काम करने की आदेश की जाती है। इसी तरह, कई व्यवसायों और दूसरे व्यावसायिक गतिविधियों के लिए कार्य का समय तय किया जा सकता है। इस प्रकार के कई अलग-अलग समय से आपसी सम्पर्क और यातायात को काफी हद तक कम किया जा सकता है जिससे कोविड के मामलों को नियंत्रण में किया जा सकता है।
व्यापारी लोग भी कर सकते हैं सहयता
कैट ने बताया कि व्यापारी भी सरकार की सहयता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया जा सकता हैं। उन्होंने अपने बातो से सुझाव दिया कि प्रत्येक शहर में स्थानीय पुलिस प्रशासन को सुझाव दी जानी चाहिए कि मार्किट और सड़कों पर कोविड 19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का शक्ति से पालन करने के लिए स्थानीय व्यापार संघों के साथ एक संयुक्त रणनीति क़ानून तैयार करें, जैसे मास्क पहनना, हाथों को बार-बार साफ करना और उचित दूरी बनाए रखना। मार्केट के हर एक प्रवेश और बाहर द्वारा बिंदु पर आने वाले लोगों की जांच के लिए व्यपारी संघों को अपने मार्किट में अतिरिक्त गार्ड रखने की सुझाव दी जा सकती है। बिना मास्क पहने किसी भी आदमी को किसी भी बाजार में घुसने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यहां तक कि यदि कोई अनजान व्यक्ति या आगंतुक बिना मास्क के दिखाई देता है, तो व्यापारी तत्काल उक्त व्यक्ति को मास्क पहनने के लिए कह सकते हैं।
हर मार्किट में लगाए जा सकते हैं टीकाकरण शिविर
इस नियम के बाद टीकाकरण अभियान को बढ़ाने के लिए बाजारों के मुख्य स्थानों पर "विशेष टीकाकरण शिविर लगा सकते हैं। जहां सरे पात्र व्यापारियों, एवं उनके कर्मचारियों, ग्राहकों और कई लोगों को सभी टीकाकरण प्रोटोकॉल का नियम करके टीका लगा सकते है। मार्किट में कानून के तहत मास्क पहनना अनिवार्य किया जाए जैसा कि दो पहिया वाहनों पर हेलमेट पहनने और चार पहिया ड्राइव में सीट बेल्ट बांधने के मामले में किये थे ।
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