अचानक गिर क़े मर रहे है सारे पंछी :वजह वार्ड फ़्लू बताई जा रही
निकट पुलिस ने पौंग डैम में मृच मिले पक्षियों के सैंपल को जांच के लिए भोपाल भेज दिया गया था। इन पक्षियों क़े अंदर की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ आई है। वन विभाग का कहना है कि इतनी बड़ी तादात में पक्षियों की मौत के बाद पुलिस ने उनके सैंपल जांच के लिए भेज दिये थे। रिपोर्ट में सब पक्षियों में H5N1 एवियन इनफ्लुंजा संक्रमण पाए गए हैं।
पौंग झील में है पक्षियों की सेंक्चुरी
प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 300 किलोमीटर दुरी पे कांगड़ा में पौंग जलाशय हैं।
यहां पर आने वाले पक्षियों की सेंक्चुरी बन चुकी है। यहां हर साल साइबेरिया और मध्य एशिया के ठंडे क्षेत्र से सर्दियों में लाखों पक्षी आ जाते हैं और फरवरी-मार्च तक रहा करते हैं। तत्पश्चात यह पक्षी वापस अपने ठिकाने चले जाते हैं।
इस साल मे अभी तक सिर्फ कुछ दिनों में 1700 पंछी, इस वायरल से मारे गए है । इसके बाद जिला पुलिस प्रशासन ने इस जलाशय के आसपास चिकन, अंडे समेत पोल्ट्री उत्पाद, दुकानदारो की खरीददारी पर बैन लगा दी है। पौंग झील के एक किलोमीटर के अंदर आने वाले क्षेत्र को डेंजर जोन घोषित कर दिये गये है।पुलिस प्रशासन ने पर्यटकों को भी इन क्षेत्रों में न जाने की घोषणा की है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी बर्ड फ्लू वायरल की पुष्टि की गई है
हिमाचल प्रदेश से पहले यह घटना मध्य प्रदेश में मृत पक्षियों में बर्ड फ्लू के वायरस पाई गई थी। इसके पश्चात प्रशासन अलर्ट हो गया था | और सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों का पता लगने के लिए अभियान शुरू किया है। मध्य प्रदेश के इंदौर में हाल ही में मृत कौआ मिले थे। अभी भी मौत हुए पक्षियों की खोज की जा रही है।
और वहीं राजस्थान के झालावाड़ जिले में भी बर्ड फ्लू वायरस की लक्षण पाई गई है। प्रदेश के कोटा एवम पाली में भी कौवों की मौत हुई थी । राजस्थान के 5 जिलों में यह फैल रहा है। शनिवार को बारां में 19, झालावाड़ में 15 एवम कोटा के रामगंजमंडी में बाइस और कौए की मौत हुई है । इन 3 जिलों में अभी तक क़े 177 कौवों की जान गई है। मध्यप्रदेश के इंदौर में भी लगभग 70 कौओं की मौत होने की खबर है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें