What was the original name of Bappi Lahiri। बप्पी लहरी का मूल नाम क्या था


70 के दशक में बॉलीवुड को डिस्को और जेमस्टोन म्यूजिक से परिचित कराने वाले संगीतकार बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने बॉलीवुड को जो संगीत दिया वह हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेगा.  27 नवंबर 1952 को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में जन्मे बप्पी लहरी का असली नाम आलोकेश लहरी है।  सिनेमा जगत में अब तक अनगिनत गायक हुए हैं, लेकिन उनमें से बप्पी लहरी ही ऐसे गीतकार थे, जिन्होंने संगीत को एक नई पहचान दी और रत्न संगीत और तेज संगीत देना शुरू किया।  जहां बप्पी लहरी अपने मनमोहक सुपरहिट गानों के लिए जाने जाते थे, वहीं उनकी एक और शैली जो लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय थी, वह थी 'सोने के आभूषणों के प्रति उनका गहरा प्रेम'।  डिस्को किंग ही नहीं बप्पी को 'गोल्ड किंग' के नाम से भी जाना जाता था।  ऐसे में आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास प्रभाव.  संगीत से था गहरा नाता इस वजह से अध्यवसाय में आए बप्पी लहरी ने बेहद कम उम्र से ही गाना शुरू कर दिया था।  17 साल की उम्र में उन्होंने तय कर लिया था कि उन्हें अपने करियर में क्या करना है।  बप्पी लहरी का संगीत से गहरा नाता है।  बप्पी ने अपनी शिक्षा अपने घर से ही प्राप्त की, लेकिन कुख्यात संगीतकार एसडी बर्मन के कारण वह अशक्त हो गये।  बप्पी लहरी के गाने गौरतलब है कि बप्पी ने अपने करियर में 48 बार मेहनत की है.  उन्होंने अपने करियर में लगभग 5,000 गाने बनाये।  इसमें उन्होंने हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, गुजराती, मराठी, पंजाबी, उड़िया, भोजपुरी, असमिया भाषाओं के साथ-साथ बांग्लादेशी फिल्मों और अंग्रेजी गानों में भी गाने लिखे।  आपने सोना क्यों पहना?  बप्पी लहरी ने फिल्मी दुनिया में अपार सफलता हासिल की लेकिन वह कुख्यात हॉलीवुड संगीत निर्देशक एल्विस प्रेस्ली से बहुत प्रेरित थे।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बप्पी ने खुलासा किया था कि जब भी वह एल्विस प्रेस्ली के गले में सोने की चेन देखते थे तो उनका दिल सोने की चेन पहनने के लिए करता था और उनका यही सपना था कि जब भी उन्हें प्लूटोक्रेट मिलेगा तो वह जरूर पहनेंगे।  अपना शौक पूरा करो.  आपको बता दें कि एल्विस प्रेस्ली सिर्फ एक सोने की चेन पहनते थे लेकिन बप्पी लहरी हमेशा कई किलो सोना पहनते थे।  बप्पी लहरी खुद बता चुके हैं कि सोना उनके लिए लकी है.  बप्पी लहरी के पास था इतना कीमती सोना साथ ही आपको बता दें कि जानकारी के मुताबिक बप्पी दा के पास 754 ग्राम सोना और 4.62 ग्राम टेबलवेयर थे.  बप्पी लहरी ने 2014 में विकल्पों के बारे में पूछा था और उस दौरान उन्होंने खुद यह जानकारी दी थी।  इतना ही नहीं, बप्पी का सोने के प्रति प्रेम इतना खास था कि 2021 में धनतेरस के मौके पर उनकी पत्नी  उन्हें सोने का चाय का सेट आशीर्वाद दिया।  ऐसा कहा जाता है कि बप्पी दा सोने को बहुत संभालकर रखते थे। हालांकि, सूत्रों की मानें तो समय के साथ बप्पी दा ने चेन, पेंडेंट इकट्ठा कर लिए थे।  इन्हें बाहर रखा गया है और अब ये उनके परिवार की विरासत का हिस्सा हैं।

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