Saw the sight of the death of 12 people : Real Hero बोले- वीडियो बनाने के बजाय लोग मदद करते तो और जिंदगियां बचाई जा सकती थी .
All Type news:राजस्थान के बाड़मेर जिले के भंडियावास गांव में 10 नवंबर को सड़क हादसे में 12 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गयी और 22 लोगों को बचाने में सफल रहे. इन सबको बचाने वाले चेनाराम और घीसूलाल का कहना है कि कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बनाने में लगे थे। अगर इन व्यक्तियों ने वीडियो नहीं बनाया होता,फंसे हुए लोगो को बस से निकालने में मदद की होती तो शायद 2-4 और जानें बच जातीं। हादसे के बाद दोनों असली हीरो रात को सो नहीं पाते हैं। सामने वही सीन लुढ़कता रहता है। खाने की कोई इच्छा ही नहीं होती । चेनाराम यहां तक कहते हैं- 'अगर मैं अपनी एक जान दे कर 10 की जान बचा पाता ,तो मैं पहले यह काम करता। दरअसल, प्रशासन ने ऐसे 10 वास्तविक नायकों को शुक्रवार को सम्मानित किया।
इस मौके पर चेनाराम ने कहा, 'हम 5-6 लोग धमाके की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे. बस में प्रवेश करने के लिए कोई जगह नहीं दिखाई दे रही थी । इस वजह से बस की खिड़की का शीशा तोड़कर दो हम लोग अंदर घुस गए और आखिरी 4-5 लोग बाहर खड़े थे. एक का इस्तेमाल कर हमने 22 लोगों की जान बचाई। हम जान बचाते चले गए और आग हमारी तरफ बढ़ती चली गई। हम पीछे खिसक रहे हैं। बस यात्री चिल्ला रहे हैं। तब हमें कोई चिंता नहीं थी। हम ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को निकालने में लगे थे। हमारा एकमात्र इरादा यही रहा की ज्यादा से ज्यादा लोगो की जान बचाई जाय | अगर मुझे अपने जलने की परवाह होती, तो शायद मैं इन लोगों की जान नहीं बचा पाता। हम उनके पास भी नहीं जाते और औरों की तरह हम भी वीडियो बनाने लगते। कभी इस बात पर विचार करते हुए कि यह दुर्घटना हुई है, मुझे रात को नीद नहीं आती । उन लोगो का जिंदा जलने का नजारा बार बार मेरी आंखों के सामने आ रहा है। मेरे साथ मेरे परिवार वाले भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मदद भी की।
घिसूलाल उस भयावह दृश्य को याद कर काँप उठता है। वह कहते हैं, 'ट्रेलर और बस की टक्कर की आवाज सुनकर जब लोग भागे तो बस खचाखच भरी हुई थी, बस के अंदर पुरुष, महिलाएं, बच्चे चिल्ला रहे थे. हमें बचाओ, हमें रखो.. आवाज आती रहती थी। चेनाराम और हमने यात्रियों को छुड़ाना शुरू किया। इस दौरान कई ऐसे इंसान भी वहा पर रहे जो मोबाइल से फोटो और वीडियो बना रहे थे। अगर वीडियो बनाने वाले इंसानों ने मदद की होती तो शायद 2-4 और लोगों की जान बचाई जा सकती थी। मुझे फिर भी खेद है। मेरे सामने दो और इंसान जिंदा जल गए और मैं उन्हें सेफ ना कर सका । बस का अगला चरण एक बार भट्टी पर था और एक बार अप्रत्याशित रूप से पीछे की ओर बढ़ रहा था। इस दौरान मेरे बाल और सिर भी आग की चपेट में आ गए।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर भंडियावास गांव के बस हादसे में जान जाने के बाद शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में यात्रियों की जान बचाने में मदद करने वाले रियल हीरोज का सम्मान करने वाले 10 रियल हीरोज को सम्मानित किया गया. जिला कलेक्टर लोक बंधु, एसपी दीपक भार्गव, एडीएम ओमप्रकाश विश्नोई, मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहनदन रत्नू, एएसपी नरपत सिंह, चेनाराम पुत्र कीरताराम, घिसूलाल पुत्र रामचंद्र, बाबूलाल पुत्र उम्मेदाराम, जुगाताराम पुत्र भूराराम, डूंगराम पुत्र पद्मराम, भूर सिंह पुत्र रमेश भैरू पुत्र वालाराम , सुरेश पुत्र घेवरम, गौतम गहलोत पुत्र भूराराम और जनक गहलोत पुत्र मांगिलाल को शॉल, 21 हजार रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और टोपी पहनाकर सम्मानित किया गया. कलेक्टर ने प्रोत्साहित किया और कहा कि यदि वे नागरिक सुरक्षा, पुलिस मित्र या सीएलसी सदस्य के रूप में शामिल होना चाहते हैं, तो वे आवेदन कर सकते हैं।
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